UPSC Success Story tea seller son become IAS Deshal Dan Ratnu AIR 82


जाने माने कवि दुष्यंत कुमार की कविता है “कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो” यानी मुश्किल से मुश्किल कामों को पूरा किया जाता है अगर उसके लिए जज्बा हो. यह बात साबित कर दिखाई राजस्थान के जैसलमेर के छोटे से गांव के रहने वाले देशल दान रतनु ने. रतनु उस युवाओं को लिए प्रेरणा के स्रोत हैं जो परिस्थितियों के सामने हार मान लेते हैं और प्रयास करना भी छोड़ देते हैं.

जी हां ये वही देशल दान रतनु हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने जज्बे और मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा पहले ही अटैम्ट में पास की और आईएएस बन गये. यही नहीं उन्होंने इस परीक्षा में 82वीं रैंक भी प्राप्त की.

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आसान नहीं थी राह                                                                                                                                                                                                           

देशल दान रतनु का जन्म ऐसे परिवार में हुआ जहां बच्चा आईएएस बनना तो दूर साधारण पढ़ाई के बारे में भी नहीं सोच सकता. पर देशल ने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी. गांव का छोकरा आज आईएएस अफसर है. पिता चाय की दुकान, परिवार में सात भाई बहन, आर्थिक हालत ऐसी कि घर में खाने की भी परेशानी थी. ऐसे में पढ़ाई करना भी मुश्किल था. पर देशल ने कर दिखाया.

हालात से नहीं किया समझौता

देशल के मन में बचपन से ही अफसर बनने का सपना था. सपनों को पंख लगाने के लिए उन्होंने खूब मन लगाकर पढ़ाई की और क्लास में टॉप मार्क्स लाते रहे. सफलता ने कदम चूमे और उनका एडमिशन आईआईटी जबलपुर में हो गया. देशल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी. कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे, तो उन्होंने खुद से पढ़ाई की और पहली ही कोशिश में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली.

भाई की प्रेरणा ने लगाए सफलता के पंख

देशल अपनी प्रेरणा अपने बड़े भाई को मानते हैं, जो इंडियन नेवी में थे और 2010 में शहीद हो गए थे. उनके भाई चाहते थे कि देशल अफसर बनें. भाई का ख्वाब पूरा करने में तमाम अड़चन थीं. आर्थिक स्थिति की वजह जैसे-तैसे इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो पा रही थी, आईएएस बनने के लिए तो कोचिंग जरूरी होती है, उनके पास तो इतने पैसे ही नहीं थे.

फिर उन्होंने खुद से तैयारी करने की ठानी. इंटरनेट से उन्होंने तैयारी में मदद ली. दिन रात मेहनत कर पहली कोशिश में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. देश के युवाओं को देशल का संदेश है कि वह कभी हार नहीं मानें. परीक्षा से पहले सभी टॉपिक्स को समझें और ज्यादा से ज्यादा बार रिवाइज करें. जी-जान लगाकर मेहनत करें तो सफलता जरूर मिलेगी.                                                                                                                                                                                                                                     
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